अभी तक आपने देखा होगा कि क्रिकेट मैच के बीच में खिलाड़ी नहीं बदला जा सकता| लेकिन अब ऐसा जल्दी ही होगा, टीम मैच के बीच में खिलाड़ी बदल सकती है| टी-20 टीमों को अब चार अतिरिक्त खिलाड़ी रखने का ऑप्शन दिया जाएगा| ताकि मैच के समय टीम के पास प्लेइंग इलेवन में बदलाव किया जा सके|
मैच के समय प्लेइंग इलेवन में बदले गए खिलाड़ी को इम्पैक्ट प्लेयर कहा जाएगा| मैच के समय दोनों टीम एक-एक बार ही इसका इस्तेमाल कर पाएगी| BCCI इसका प्रयोग के तौर पर लागु 11 अक्टूबर से लागु हो रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के समय करेगी| खबरों से पता लगा है कि BCCI ने स्टेट एसोसिएशन्स को सर्कुलर भेज दिया है| आपको बता दें, पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी तमिलनाडु की टीम ने जीती थी|
जानें इम्पैक्ट प्लेयर कैसे लागु होगा
मैच शुरू होने से पहले टीम को अपने 11 खिलाड़ियों के साथ चार इम्पैक्ट खिलाड़ियों के नाम भी देंगे होंगे| मैच शुरू होने से पहले फील्ड अंपायर और फोर्थ अंपायर को भी इसकी जानकारी देनी होगी| अगर मैच के समय किसी खिलाड़ी को सस्पेंड किया गया है तो उसकी जगह इम्पैक्ट खिलाड़ी को नहीं खिलाया जा सकता| मैच के समय दोनों टीम अपने इम्पैक्ट खिलाड़ी का इस्तेमाल सिर्फ 14 ओवर से पहले कर सकती हैं|
अगर किसी खिलाड़ी को मैच से बाहर करके उसकी जगह इम्पैक्ट खिलाड़ी को खिलाया जाता है तो उसके बाद बाहर किया गया खिलाड़ी पूरे मैच के समय वापिस नहीं खेल सकता| बाहर किया गया खिलाड़ी मैच में अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप फील्डिंग भी नहीं कर सकता|
टीम किसी खिलाड़ी का विकेट गिरने या ब्रेक के समय अपने इम्पैक्ट खिलाड़ी को मैदान में उतार सकती है| टीम अपने इम्पैक्ट खिलाड़ी को बल्लेबाजी के लिए भी भेज सकती है| लेकिन जिस खिलाड़ी की जगह इम्पैक्ट खिलाड़ी आया है वो खिलाड़ी उसके बाद फील्डिंग भी नहीं कर पाएगा|
अगर कोई टीम गेंदबाजी के समय अपने किसी गेंदबाज के बदले अतिरिक्त खिलाड़ी को मैच में लाती है और जिस गेंदबाज के बदले इम्पैक्ट खिलाड़ी को मैच में लाया जाएगा| अगर निकाला गया गेंदबाज अपने चार ओवर पुरे कर चुका है तो इसका असर इम्पैक्ट खिलाड़ी पर नहीं पड़ेगा| इम्पैक्ट खिलाड़ी भी मैच में चार ओवर कर पाएगा|
बिग बैश लीग में लागू हो चूका है यह नियम
ऑस्ट्रेलिया में होने वाली टी- 20 लीग बिग बैश पहले ही यह नियम लागु हो चूका है और इसमें इसको एक्स फैक्टर के नाम से लागु किया गया है| इस नियम के मुताबिक, टीम अपने 12वें या 13वें खिलाड़ी को पहले 10 ओवर से पहले ही इस्तेमाल कर सकती है| इस एक्स फैक्टर वाले खिलाड़ी को सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों की जगह टीम में लिया जा सकता है जिसने बल्लेबाजी नहीं की या एक ओवर से ज्यादा गेंदबाजी नहीं की|
ICC का सुपर सब नियम को चूका है असफल
अगर आपको नहीं पता तो बता दें, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने 2005 में एक सुपर सब नियम लागु किया था| लेकिन यह नियम पूरा तरह से असफल रहा| इस नियम के मुताबिक, टीम प्लेइंग इलेवन में किसी एक खिलाड़ी को बदल सकती थी|
इस नियम के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी बल्लेबाज की जगह लाया जगह है तो वो सिर्फ बल्लेबाजी ही कर सकता है और अगर वो किसी गेंदबाज की जगह आता है तो वो सिर्फ गेंदबाजी की कर सकता है| उस खिलाड़ी को फील्डिंग करने की अनुमति नहीं थी| नियम लागु करने के 10 महीने बाद खुद ही ICC ने इस नियम को खत्म कर दिया|